आए दिन हम समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, पत्रिकाओं आदि में आत्महत्या की दिल दहलाने वाली खबरें पढ़ते एवं देखते हैं। हाल ही में बालीवुड के बड़े सितारों के साथ काम कर चुकी 25 वर्षीय फिल्म अभिनेत्री जिया खान ने प्यार में नाकामी और भविष्य के डर से निराश होकर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हर आत्महत्या के पीछे एक दर्द भरी कहानी होती है परन्तु ऐसे वह कौन से घर होते हं जहां पर परिवार का कोई सदस्य ऐसे भयावह कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है? जब कोई आत्महत्या करता है तो उसके भाग्य के साथ-साथ उसके घर के वास्तुदोष भी अहम भूमिका निभाते हैं।
दुनिया के जिस घर में आत्महत्या होती है उस घर में दो या दो से अधिक वास्तुदोष अवश्य होते हैं जिनमें से एक घर के ईशान कोण (नार्थ ईस्ट) में होता है और दूसरा दोष र्नैत्य कोण (साऊथ वेस्ट) में होता है। घर के र्नैत्य कोण के वास्तुदोष जैसे भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल, बेसमेंट या किसी भी प्रकार से इस कोने का फर्श नीचा हो या घर का दक्षिण र्नैत्य (साऊथ आफ द साऊथ वेस्ट) या पश्चिम र्नैत्य (वेस्ट आफ द साऊथ वेस्ट) बढ़ जाए। इस दोष के साथ यदि उस घर के पश्चिम र्नैत्य कोण में मुख्य द्वार हो तो घर के पुरूष सदस्य के साथ और यदि मुख्य द्वार दक्षिण र्नैत्य कोण में हो तो उस घर की स्त्री द्वारा आत्महत्या की संभावना बलवती हो जाती है।
यह तो हुआ एक वास्तुदोष। दूसरा वास्तुदोष घर के ईशान कोण में होता है जैसे - घर का यह कोना अंदर दब जाए, कट जाए, गोल हो जाए या किसी कारण पूर्व आग्नेय (ईस्ट आफ साऊथ ईस्ट) की ओर दीवार आगे बढ़ जाए तो घर के पुरूष सदस्य द्वारा और यदि उत्तर वायव्य (नार्थ आफ द नार्थ वेस्ट) की दीवार आगे बढ़ जाए तो घर की स्त्री सदस्य द्वारा आत्महत्या की जा सकती है।
इसी प्रकार घर के दक्षिण र्नैत्य में मार्ग प्रहार हो तो स्त्रियां और पश्चिम र्नैत्य में मार्ग प्रहार हो तो पुरूष उन्माद जैसे रोगों के शिकार हांगे और कहीं-कहीं वे आत्महत्या भी कर सकते हैं व पूर्व आग्नेय कोण ढंके तो पुरूष द्वारा और उत्तर वायव्य ढंके तो भी स्त्री द्वारा आत्महत्या करने की संभावना बन जाती है। उपरोक्त आत्महत्याओं जैसी दुःखद घटनाओं से बचने का एकमात्र उपाय है कि, घर के वास्तुदोषों को दूर किया जाए।
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