चंद्र-शनि युति अर्थात् विषयोग

इस धरती पर जन्म लेने वाले हर प्राणी के लिए उसका जन्म-क्षण बहुत महत्वपूर्ण होता है, ऐसी ज्योतिष ज्ञान की मान्यता है। इस क्षण को आधार मानकर ज्योतिष गणना द्वारा उसके सम्पूर्ण जीवन का लेखा-जोखा जन्मकुंडली से तैयार किया जा सकता है। इस ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2008

व्यूस: 40195

लाल किताब के अनुसार राहु-केतु का विष्लेषण

राहु-केतु को सामान्य रूप से छाया ग्रह माना जाता है किंतु लाल किताब के अनुसार ये छाया ग्रह भी अपना शुभ-अषुभ प्रभाव देने में किसी प्रकार पीछे नहीं रहते और उनकी अषुभता का प्रभाव कब पड़ता है और कब नहीं और उन्हें षुभ बनाने के लिए किन वस... और पढ़ें

ज्योतिषउपायभविष्यवाणी तकनीकलाल किताब

मार्च 2011

व्यूस: 38630

कुंडली में धन योग

कुंडली में धन योग

पुखराज बोरा

धन आज के जीवन की जरूरी आवश्यकता है। आज धनवान, समृद्धिवान एवं विलासितापूर्ण जीवन बिताने का सपना हर कोई देखता है। जातक की कुंडली में कौन से ग्रह एवं भाव जातक को सुविधा संपन्न बनाते हैं प्रस्तुत है एक विवेचना... और पढ़ें

ज्योतिषसंपत्तिज्योतिषीय योग

अकतूबर 2010

व्यूस: 36734

2016 में मौसम का हाल

2016 में मौसम का हाल

जय इंदर मलिक

01-01-2016 को 00-01-00 समय के अनुसार कन्या लग्न सिंह राशि 10 अंश 11 कला 4 विकला में उदय हुआ। लग्न में राहु, द्वितीय में मंगल, तृतीय में शुक्र, शनि की युति, चतुर्थ में सूर्य, पंचम में बुध, सप्तम में केतु, द्वादश में गुरु-चंद्रमा... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमेदनीय ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषण

जनवरी 2016

व्यूस: 32953

भयभीत न हों अष्टम चंद्र से

अष्टम चंद्र यानि जन्म कुंडली में आठवें भाव में स्थित चंद्र। आठवां भाव यानि छिद्र भाव, मृत्यु स्थान, क्लेश'विघ्नादि का भाव। अतः आठवें भाव में स्थित चंद्र को लगभग सभी ज्योतिष ग्रंथों में अशुभ माना गया है और वह भी जीवन के लिए अशुभ। ज... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अप्रैल 2009

व्यूस: 54656

शनि मंगल युति

शनि मंगल युति

किशोर घिल्डियाल

कालपुरुष की पत्रिका में शनि दशम व एकादश भाव तथा मंगल प्रथम व अष्टम भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी की भी पत्रिका में इन दोनों ग्रहों का युति अथवा दृष्टि संबंध जातक विशेष को गुप्त रूप से कर्म कर लाभ प्राप्त करने जैसे फलांे की ... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2014

व्यूस: 55191

महिलाएं और उनको प्रभावित करने वाले नौ ग्रह

वैसे तो सौरमंडल के सभी ग्रह धरती पर सभी प्राणियों पर एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं। लेकिन सभी प्राणियों का रहन सहन और प्रवृत्ति या प्रकृति एक दूसरे से भिन्न होती है इसलिए ग्रहों का प्रभाव कुछ कम -ज्यादा तो होता ही है। यहा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2014

व्यूस: 35406

भविष्य जानने की प्राचीन विद्या रमल

रमल भूत, भविष्य, वर्त्तमान, रूप, आयु तथा मृत्यु हर प्रकार के शुभाशुभ फल ज्ञात करने की प्राचीन विद्या है. भारतीय विद्वानों के मतानुसार ज्योतिष के अन्य अंगों की भाँती 'रमल' विद्या भी मूलत" भारत की ही दें है.... और पढ़ें

ज्योतिषरमल शास्त्रभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2011

व्यूस: 43598

अस्त ग्रहों का प्रभाव एवं उनका फल

अस्तग्रहों के बारे में कहा गया है -‘त्रीणि अस्ते भवे जड़वत’ अर्थात किसी जन्म चक्र में तीन ग्रहों के अस्त हो जाने पर व्यक्ति जड़ पदार्थ के समान हो जाता है। ऐसा व्यक्ति स्थिर बना रहना चाहता है, उसके शरीर, मन और वचन सभी में शिथिलता... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2015

व्यूस: 45515

आइ. ए. एस. तथा आई.पी.एस. बनने के ज्योतिषीय योग

शिक्षा प्राप्ति के बाद कार्य क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व प्रशासन के क्षेत्र में उच्च पद प्राप्ति की महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने में किन ज्योतिषीय योगों से मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त की जा सकती है। आइए, जानें उन योगों के ब... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

फ़रवरी 2011

व्यूस: 42410

राजयोग तथा विपरीत राजयोग

फलदीपिका ग्रंथ के अनुसार:- दुःस्थानभष्टमरिपु व्ययभावभाहुः सुस्थानमन्य भवन शुभदं प्रदिष्टम्। (अ. 1.17) अर्थात् ‘‘जन्मकुण्डली के 6,8,12 भावों को दुष्टस्थान और अन्य भावों को सुस्थान कहते हैं।’’ अन्य भावों में केन्द्र (1,4,7,10) तथा त... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 41062

नौकरी कब मिलेगी ?

नौकरी कब मिलेगी ?

फ्यूचर पाॅइन्ट

शास्त्रों के अनुसार ग्रहों का मानव शरीर पर किसी न किसी रूप में प्रभाव पड़ते हैं। ये प्रभाव प्रतिकूल या अनुकूल हो सकते हैं। मानव की सभी क्रियाएं, कमोबेश, इन ग्रहों के द्वारा संचालित होती हैं। नौ ग्रहों में किस ग्रह की महादशा और अंतर... और पढ़ें

ज्योतिषदशागोचरग्रहवशीकरण

अप्रैल 2014

व्यूस: 48344

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Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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