पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में किसका खुलेगा भाग्य, किसका जाएगा ताज, किसको आएगी लाज उमाधर बहुगुणानिर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर चुका है। प्रत्येक राज्य में विभिन्न चरणों में मतदान होंगे। इन पांच राज्यों में से उŸार प्रदेश और उŸाराखंड का चुनावी परिदृश्य क्या होगा?... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2012व्यूस: 8099
शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव राजेंद्र कुमार शर्माप्रत्येक जातक को अपने जीवन में दो या तीन बार शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का सामना करना ही पड़ता है। जिन जातकों की दीर्घायु होती है उनके जीवन में कुल तीन साढ़ेसाती आती है क्योंकि 30 वर्षों के पश्चात ही शनि वापस राशि में आता है। यह आव... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2017व्यूस: 9138
गत्यात्मक दशा पद्धति: एक परिचय संगीता पुरीप्राचीन ज्योतिष के गं्रथों में वर्णित ग्रहों की अवस्था के अनुसार मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों की गति के सापेक्ष उनकी शक्ति के प्रभाव के 12-12 वर्षों का विभाजन ‘गत्यात्मक दशा पद्धति’ कहलाता है। यह सिद्धांत, परंपरागत ज्योतिष प... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2010व्यूस: 9779
तृतीय प्रकृति एवं ज्योतिष ग्रह योग राजीव रंजनन केवल भारतीय सनातन परम्परा में बल्कि शिव की अन्य संस्कृतियों में भी ‘आदि-मिथुन’ की कल्पना की गई है। चाहे वह पाश्चात्य संस्कृति में उपलब्ध एडम और ईव हों अथवा स्वयम्भुवन् मनु और सद्रूपा। मानव जाति को स्त्री-पुरुष द्वन्द्वात्मक स्... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2014व्यूस: 8074
दर्द का रिश्ता आभा बंसलसंसार में जब बच्चा जन्म लेता है तो अपने माता-पिता से खून का शाश्वत रिश्ता लेकर आता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है नये रिश्ते जुड़ते जाते हैं कभी दोस्ती का रिश्ता तो कभी प्यार का ।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरदिसम्बर 2010व्यूस: 6761
ग्रह स्थिति एवं व्यापार दिव्यदीप गौडमासारंभ में गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र और उच्चस्थ राशि कर्क में स्थित होकर उच्चस्थ शनि द्वारा दृष्टित होना और बुध व शनि का वक्री गति में होना प्राकृतिक प्रकोपों, भयंकर बाढ़ इत्यादि से जन-धन की भारी हानि का संकेत देता है। ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकगोचरजुलाई 2014व्यूस: 7084
एक सही तिथिपत्रक का गणितीय आधार दार्शनेय लोकेशहिंदू संस्कृति में पंचांग का अपना विशेष महत्व है। जीवन के विभिन्न संस्कारों, यात्राओं, किसी कार्य के आरंभ आदि में पंचांग की सहायता ली जाती है। उद्देश्य केवल एक होता है... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानपर्व/व्रतआकाशीय गणितनक्षत्रपंचांगग्रहगोचरअप्रैल 2010व्यूस: 7322
मंगलीक एवं गैर मंगलीक कुंडलियों का उदाहरण सहित तुलनात्मक अध्ययन अमित कुमार रामज्योतिषीय दृष्टि से जन्मांग का सप्तम, द्वितीय, द्वादश (पुरुषों के मामलें में) और अष्टम (स्त्रियों के मामले में) भाव, सप्तमेश, द्वितीयेश, द्वादशेश और अष्टमेश तथा वैवाहिक सुख प्रदाता शुक्र वैवाहिक सुख, गृहस्थ सुख से संबंधित भा... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याग्रहभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2015व्यूस: 7372
कस्पल पद्धति आर.एस. चानीकस्पल इंटर लिंक प्रणाली, के. पी सिस्टम से कैसे भिन्न है ? कृष्णमूर्ति जी ने वैदिक ज्योतिष से थोड़ा इतर एक अलग पद्धति का सृजन किया जिसका नाम इन्होंने केपी. ज्योतिष पद्धति दिया। कृष्णमूर्ति जी ने एक नक्षत्र जिसकी अवधि 130 -20... और पढ़ेंज्योतिषविविधअप्रैल 2016व्यूस: 8002
शनि देव एक परिचय फ्यूचर पाॅइन्टइस संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो शनि के प्रभाव से अछूता हो। शनिदेव का नाम सुनते ही जनता में भय उत्पन्न हो जाता है। शनि ग्रह उतने अशुभ नहीं जितना इन्हें समझा जाता है। व्यक्ति को अध्यात्म और मोक्ष दिलाने वाले केवल शनि ग... और पढ़ेंज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिग्रहजून 2016व्यूस: 7999
मन के रिश्ते आभा बंसलअक्सर देखने में आता है कि माता-पिता अपने बच्चों के विवाह के समय अपनी जात-पांत, अपने खानदान, रहन-सहन के स्तर आदि पर बहुत जोर देते हैं और उनकी कोशिश यही होती है कि उनका दामाद या उनकी बहू अपनी ही जाति से हो ताकि उनके रीति रिवाज, खान... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरमार्च 2010व्यूस: 7522
ज्योतिष में अनुसंधान की आवश्यकता प्रमिला गुप्तायह परिवर्तन और प्रयोगशीलता का युग है। परिवर्तन और प्रयोगपूर्ण विकास की प्रक्रिया इसकी पृष्ठभूमि है। ब्रह्माण्ड के गूढ़ रहस्यों को समझना और उसकी शक्ति को पहचानना ही ज्योतिष विद्या है। ज्योतिष अगम्य विद्या है। आकाशीय गणित, खगोलशास्त्... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2013व्यूस: 7462