सफल वैवाहिक जीवन और शुभ मुहूर्त विवाह के समय वर के लिए सूर्य का बलवान और शुभ होना अति आवश्यक है. सूर्य के बलवान होने से दाम्पत्य जीवन में पति का पत्नी पर प्रभाव व नियंत्रण रहता है. दोनों में वैचारिक सामंजस्य रहता है एवं जीवन में कठिन समय में संघर्ष करने की क्षमत... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 8159
श्री बगलामुखी का परिचय डॉ. अरुण बंसलव्यष्टिरूप में शत्रुओं को नष्ट करने की इच्छा रखने वाली तथा समष्टिरूप में परमात्मा की संहार शक्ति ही बगला हैं. पीताम्बर विद्या के नाम से विख्यात बगलामुखी की साधना प्राय: शत्रु भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि के लिए... और पढ़ेंज्योतिषजुलाई 2004व्यूस: 2953
लक्ष्मी कृपा के ज्योतिषीय आधार राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’दीपावली महापर्व की परंपरा कब से प्रारंभ हुई है यह बताना व जानना प्रायः दुष्कर है इस दीपावली पर्व परंपरा का इतिहास अलग-अलग ढंग से प्राप्त होता है। हमारी भारतीय संस्कृति वेद प्रधान है। वेदों को लेकर पौराणिक साहित्य में ब्रह्म की चर्... और पढ़ेंज्योतिषदेवी और देवसंपत्तियंत्रनवेम्बर 2013व्यूस: 8388
भारतीय पर्व-त्योहार फ्यूचर पाॅइन्टहमारे सामाजिक तथा राष्ट्रीय जीवन में पर्वों का विशेष महत्व रहा है। आज भी सभी धर्म एवं जातियों में विभिन्न पर्वों को बड़ी उमंग से मनाया जाता है।... और पढ़ेंदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतसितम्बर 2013व्यूस: 4052
प्लूटो अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में डॉ. अरुण बंसल24 अगस्त 2006 को प्राग अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ ;प्दजमतदंजपवदंस ।ेजतवदवउपबंस न्दपवदद्ध के 2500 से अधिक खगोलविदों के पुनर्विचार एवं पुनर्परिभाषा के कारण प्लूटो को अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में स्थापित कर दिया गया है। पहले भी 1... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकगोचरअकतूबर 2006व्यूस: 5414
नवरात्र में क्यों किया जाता है कुमारी पूजन फ्यूचर पाॅइन्टहिंदू धर्म में नवरात्रियों में कन्या जिमाने का विशेष महत्व है, नौ दिन तक फलाहार रह कर लोग श्रद्धा एवं भक्ति के साथ छोटी कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करते हैं, इन्हें साक्षात देवी का रूप मान उनकी पूजा अर्चना कर उन्हें भोग लगाते है... और पढ़ेंदेवी और देवपर्व/व्रतअकतूबर 2006व्यूस: 3893
अयनांश से क्या अभिप्राय है? फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: अयनांश से क्या अभिप्राय है? ज्योतिष में निरयण पद्धति का प्रयोग करना चाहिए या सायन का एवं क्यों? सविस्तार लिखें।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणखगोल-विज्ञानभविष्यवाणी तकनीकनवेम्बर 2006व्यूस: 3167
कल्याणकारिणी हैं सुंदरगढ़ की महारानी राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारतीय भूमि में राजे रजवाड़ों की कोई कमी नहीं। अपनी आन, बान और शान के लिए दूर-दूर तक मशहूर इन राजे रजवाड़ों के इतिहास से भारतीय सभ्यता संस्कृति प्रकारांतर से समृद्ध रहा है। ऐसा ही एक गढ़ नामधारी स्थान सुंदरगढ़ ओडिशा राज्य में है जहां ... और पढ़ेंदेवी और देवस्थानमन्दिर एवं तीर्थ स्थलजनवरी 2017व्यूस: 4253
कुंडली विवेचन के मुख्य घटक ललित पंतकुंडली विवेचन के अन्यान्य सूत्रों का प्रतिपादन महर्षि पराशर ने बृहत् पराशर होरा शास्त्र में किया है। कुंडली विवेचन में अनेक मानदंडों का विशद् व व्यवस्थित अध्ययन करना अति आवश्यक है, अन्यथा फलकथन में त्रुटि संभाव्य है। इस आले... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकजून 2017व्यूस: 8170
वैवाहिक जीवन व दोष एवं निवारण फ्यूचर पाॅइन्टविवाह में विलंब और वैवाहिक जीवन में क्लेश, तनाव, मानसिक पीड़ा और तलाक जैसी स्थिति किन योगों के कारण होती है। इन स्थितियों से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों का वर्णन।... और पढ़ेंज्योतिषउपायज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्यामंत्रविवाहभविष्यवाणी तकनीकयंत्रमई 2010व्यूस: 94532
पंचांग इतिहास - विकास - गणना विधि रुपेन्द्र वर्माइस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानआकाशीय गणितपंचांगअप्रैल 2010व्यूस: 27312
विवाह मुहूर्त रोहिणी, मृगशिरा, मघा, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, उतरा भाद्रपद, एवं रेवती नक्षत्र विवाह के लिए उतमोतम है. अश्विनी, चित्रा, श्रवण एवं घनिष्ठा नक्षत्र विवाह के लिए उत्तम है...... ... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 28499