मंत्रार्थ : मंत्र साधना के रहस्य-वेताओं के अनुसार – “ अमन्त्रमक्षरं नास्ति नास्तिमूलमनौषधम अर्थात कोई ऐसा अक्षर नहीं, जो मंत्र न हो और कोई ऐसी वनस्पति नहीं, जो औषधि न हो। केवल आवश्यकता है अक्षर में निहित अर्थ के मर्म को और वनस्पति... और पढ़ें
देवी और देवअन्य पराविद्याएंउपाय